Lovely life
चलिए आज हम एक नए टॉपिक पर बात करते है।
आखिर ऐसा क्यों होता है की सामने ढेर सारी प्रॉब्लम दिखाई देती है। और मंजिले बहुत दूर नजर आती है। और दिल मेँ ढेर सारा डर छिपा हुआ रहता है। फिर भी हमारा मन मेहनत करने को नहीं चाहता ऐसा आखिर क्यों होता है ।
हम भले ही ढेर सारी टारगेट बनाते है। और फिर उसे पाने के लिए कदम बढाते है और कुछ प्रॉब्लम सामने दिखाई देते ही दूम दबा कर भाग जाते है। और फिर अपनी किस्मत को कोसते है।आखिर ऐसा क्यों होता है?
आइये जानते है-
यहाँ सबसे असल में बात ये होती है है की हमें अपने सपनो पर भरोसा नहीं होती है। और हम डर जाते है की आखिर ऐसा क्यों हो जाता है। हमारे साथ -
तो सबसे पहले हमारे द्वारा बढ़ाये कदमो पर भरोसा होना चाहिए। ताकि जो भी काम हो उसपे फोकस कर सके ।और अपने काम को सही ढंग से करे ताकि आपको अपने रिजल्ट के बारे मेँ टेंशन न हो।
चलिए आज हम एक नए टॉपिक पर बात करते है।
आखिर ऐसा क्यों होता है की सामने ढेर सारी प्रॉब्लम दिखाई देती है। और मंजिले बहुत दूर नजर आती है। और दिल मेँ ढेर सारा डर छिपा हुआ रहता है। फिर भी हमारा मन मेहनत करने को नहीं चाहता ऐसा आखिर क्यों होता है ।
हम भले ही ढेर सारी टारगेट बनाते है। और फिर उसे पाने के लिए कदम बढाते है और कुछ प्रॉब्लम सामने दिखाई देते ही दूम दबा कर भाग जाते है। और फिर अपनी किस्मत को कोसते है।आखिर ऐसा क्यों होता है?
आइये जानते है-
यहाँ सबसे असल में बात ये होती है है की हमें अपने सपनो पर भरोसा नहीं होती है। और हम डर जाते है की आखिर ऐसा क्यों हो जाता है। हमारे साथ -
तो सबसे पहले हमारे द्वारा बढ़ाये कदमो पर भरोसा होना चाहिए। ताकि जो भी काम हो उसपे फोकस कर सके ।और अपने काम को सही ढंग से करे ताकि आपको अपने रिजल्ट के बारे मेँ टेंशन न हो।
0 Comments
Post a Comment
Thank you for comment