Lovely life
लेकिन आज मैं आपलोगों से ये कहना चाहूँगा की अपनी इस दीपावली को खुशनुमा बनाये न की दुःखनुमा ।
क्योंकि आजकल देखा जा रहा है की सबके यहां काफी मेहंगे मेहँगे पटाखे आ गए है जो ध्वनि प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है।
जिससे काफी हानि पहुचती है हमें और हमारे समाज को क्योंकि
कहा जाता है की आज से कुछ साल पहले सुबह सूर्योदय होते समय हमारे घर के बगीचे में बहुत सारे तरह तरह के पंछियों की आवाजे सुनकर हैम जाग जाते थे और पंछियो की आवाजे सुनकर हमारा दिन भी बहुत ही जबरदस्त जाता था ।
लेकिन उस समय और आज के समय को तुलना किया जाय तो हम पाते है उस समय जितने पँछी होतइ थे आज न के बराबर है।
इसका मुख्य कारण है की पटाखों की आवाजे और प्रदूषण ।।
इन सबसे हमारे मानव समाज को भी छती पहुँचती है।
इस लिए कम आवाज वालेप पटाखे का उपयोग करे।
ताकि हम और हमारा समाज बचा रह जाए।
दीपावली के एक दिन पहले गवर्धन की पूजा होती
है । और उस दिन भी दीप जलाये जाते है और दूसरे दिन लक्ष्मी की पूजा होती है। उस दिन पूजा के बाद हमारे यहाँ प्रसाद दिए जाते है। और हम खूब मजे से मिठाई खाते है।
लेकिन आजकल का एक नया फैशन बन गया है की लोग दीपावली के समय जुवे खूब खेलते है और जुवे से दीपावली का स्वागत किया जाता है जोकि बहुत ही गलत है।
तो चलिए आज हम सब मिलकर इसके विरुद्ध एक jangछेड़ते है।
""Happy Deepawali to all""
दीपावली की महत्वपूर्ण बातें,जो जानना बहुत ही जरुरी है।2019 october| wiki
आपको पता तो होगा ही की लोग चाहे सालो भर कैसे भी करके रह लें,लेकिन जब दीपावली आती है तो चाहे वो अपने घर हो या दफ्तर हो या हो अपने घर के चारो ओर का बहुत ही सही ढंग से ख्याल रखते हैं और उसकी साफ़ सफाई भी अच्छे ढंग से करते है।diwali 2019 |
लेकिन आज मैं आपलोगों से ये कहना चाहूँगा की अपनी इस दीपावली को खुशनुमा बनाये न की दुःखनुमा ।
क्योंकि आजकल देखा जा रहा है की सबके यहां काफी मेहंगे मेहँगे पटाखे आ गए है जो ध्वनि प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है।
जिससे काफी हानि पहुचती है हमें और हमारे समाज को क्योंकि
कहा जाता है की आज से कुछ साल पहले सुबह सूर्योदय होते समय हमारे घर के बगीचे में बहुत सारे तरह तरह के पंछियों की आवाजे सुनकर हैम जाग जाते थे और पंछियो की आवाजे सुनकर हमारा दिन भी बहुत ही जबरदस्त जाता था ।
लेकिन उस समय और आज के समय को तुलना किया जाय तो हम पाते है उस समय जितने पँछी होतइ थे आज न के बराबर है।
इसका मुख्य कारण है की पटाखों की आवाजे और प्रदूषण ।।
इन सबसे हमारे मानव समाज को भी छती पहुँचती है।
इस लिए कम आवाज वालेप पटाखे का उपयोग करे।
ताकि हम और हमारा समाज बचा रह जाए।
दीपावली के एक दिन पहले गवर्धन की पूजा होती
है । और उस दिन भी दीप जलाये जाते है और दूसरे दिन लक्ष्मी की पूजा होती है। उस दिन पूजा के बाद हमारे यहाँ प्रसाद दिए जाते है। और हम खूब मजे से मिठाई खाते है।
लेकिन आजकल का एक नया फैशन बन गया है की लोग दीपावली के समय जुवे खूब खेलते है और जुवे से दीपावली का स्वागत किया जाता है जोकि बहुत ही गलत है।
तो चलिए आज हम सब मिलकर इसके विरुद्ध एक jangछेड़ते है।
""Happy Deepawali to all""
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