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तेरी बातें मैं कहूं कैसे तुझसे
प्यार तो है बस तुझसे
कितनी बातें करूँ मैं खुदसे
एहसास क्या दिल की आस है तुझसे
कोई तो बताये की मैं क्या करू
अपनी बातें करूँ या उसकी सुनु
खुद को गिराऊ या उठाऊं
तुम्ही बताओ करूँ तो क्या करूँ
हालत मैं क्या कहूं तुमको
खुद मेरी एहसास की बात
हैं तो मैं तेरी बात कैसे करूँ
क्या खुद को दे दूँ तुमको
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प्यारी बातें करना सीखें तुमसे
फिर इससे मुकरना भी
सीखें कोई तुमसे
वादे करके भूल जाना
कोई सीखें तुमसे
कैसे बातें होती है तुम्हारी
कैसे कहूं क्या प्यार है तम्हारी
खूब कहती हो की क्यों मैं तुमको भुला दूँ
क्यों पीछा भी नहीं छोड़ती यादें भी तुम्हारी
आज का पोस्ट उन लोगों के लिए है,जो प्यार में धोखा खाएं हैं ||
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