motivation in shayari |
motivation in shayari
खुद की खोज में निकल
क्यों किनारे खड़ा हैं
अगर तेरी भी वजूद है
तो आग में लोहे की तरह पिघल
क्यों छठा है तु की दुनिया तुझे सलाम करे
पहले खुद को तो सलाम करना सिख ले
ऐसे तो परिंदे भी आसमान में बिना सीखे
कुछ भी बिना पाए नहीं है आजतक मरे
क्यों तुम खुद को भूल जाता है
दुनिया होगी तेरे क़दमों में
पहले खुद को याद तो करले
क्यों तुम खुद को नकार जाता है
खुद की भी कोई पहचन होगी
खुद की भी अपनी ईमान होगी
जो भी चाहेगा वो भी मिलेगा तुझे
जा खुद खुद के डैम पे कुछ करलेगा
तो तेरे जान में जान होगी
ज़िन्दगी की रुख को मोड़ना सीखो
जो मन करे वो करना सीखो
फूल को देखो लेकिन उसकी महक को
न चुराओ तुम
उसकी तरह मेहकना सीखो
ज़िन्दगी बस चलने का नाम है
तुम बभी चलना सिख लो
फूल के पौधे मैं कांटे भी होते है
जरा कांटे से चुभवाना सिख़लो
हम भी होंगे और सारे जहां के लोग भी होंगे
फूल सारे खिले चमन में होंगे
होंगी जहाँ की खुशियां तेरे क़दमों में
जब तेरे बाजुओं में ताकत होंगे
आज का पोस्ट उन सारे दोस्तों के नाम जो अपने लाइफ में मोटीवेट होकर आगे बढ़ना चाहते हैं ||
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