sad shayari |
sad shayari
जान जान कहते हो तुम मुझे
फिर भी क्यों रहतें हो तुम दूर मुझसे
मैं न समझ सका तेरी इस फितूर को
क्यों चाहती हो इतना तुम मुझे
खैरात में मैं नहीं माँगा हूँ तेरे प्यार को
क्यों तुम इतना इतराती हो
हमारी भी औकात हैं अपनी
जाओ न समझ सकी तो मत समझो
मेरे प्यार को
sad shayayi
मैं खुद की धुन में खोया रहता हूँ
जाने क्यों तुम समझती ही नहीं
मेरे इन जज्बातों को
क्योकी हम से है ज़माना मैं ज़माने से नहीं
ज़माने से कह दो की वो तैयार रहे
क्योंकि इस बार मैं आ रहा हूँ
खोया था मैं किसी के धुन में
क्योंकि अब मैं जाग गया हूँ
अब मैं खुद को संभालना आ गया है मुझे
अब तेरे इस प्यार की जरुरत नहीं मुझे
अब मैं रह लूंगा तेरे प्यार के बिना ही
क्योकी अब मैं समझ गया हूँ मैं तुझे
खुद से प्यार करना सिख लिया हूँ मैं
खुद की बातों में ही रहने लगा हु
अब तेरे बातों की जगह मैं अपनी ही बातें
करने लगा हूँ
क्योंकि मैं अब खुद को समझने लगा हूँ
आज का पोस्ट प्या में धोखा खाये हुए लोगों के लिए हैं |
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